International Women’s Day

International Women's Day

International Women’s Day is on 8 March 2024, our theme is “Investing in Women: Accelerating Progress”. Learn why investing in women and girls is not only the right thing to do, it’s critical to building a more prosperous and equitable world. Learn about 5 key areas where investment is critical to achieving gender equality.

Every year on March 8, we celebrate International Women’s Day (IWD), a day dedicated to understanding race, economics, and women’s culture and policy. But the purpose of IWD is not to celebrate the past; He also called for action to promote gender equality. This year’s theme, “Investing in Women: A Sustainable Development”, highlights the critical role of investment in empowering women and girls to realize their potential.

Investing in women is not just moral; This leaves a good impression. Research consistently shows that investing in women’s education, health and economic empowerment can provide many benefits not only to women, but to their families, communities and countries as a whole. When women are strong, they can participate more in business life, contribute to the economy, support healthy families and good education.

Education: Investing in Girls’ Education is one of them. The best ways to break the cycle of poverty and inequality. Female students are more likely to be healthy, participate in the labor market, and make a positive impact on their families and communities.
Health: Investing in women’s health, including sexuality and access to healthcare, is critical to improving their overall health and enabling them to reach their full potential.
Economic Empowerment: Equipping women with money, education and leadership to help them become more involved in the economy, improve their health and contribute to sustainable development. Targeting women and girls is essential to creating a safe and fair world for all.
Women’s Leadership: Investing in women’s leadership development and participation in decision-making processes to ensure that their voices are heard and their needs are taken into account, relationships are established and shared.
By investing in women in these key areas, we can create positive effects of change and make progress towards a more equitable and hopeful future. This year, let’s embrace the IWD theme and pledge to invest in women – not just on March 8, but every day.

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

भारत का गौरव: राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

हर साल 28 फरवरी को भारत राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाता है। यह दिन भारतीय वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन द्वारा 1928 में रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह खोज वैज्ञानिक जगत में एक मील का पत्थर साबित हुई और सर सी.वी. रमन को 1930 में भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार दिलाया।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का इतिहास

1986 में, राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) ने भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित करने का आग्रह किया। इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया और तब से यह दिन पूरे भारत में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसकी उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों और अन्य संगठनों में इस दिन विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उद्देश्य

मनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं:

  • विज्ञान के महत्व को जागरूक करना: यह दिन हमें हमारे दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व को समझने और उसकी सराहना करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिखाता है कि कैसे विज्ञान प्रगति को गति देता है और मानव जीवन को बेहतर बनाता है।
  • विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्धियों का प्रदर्शन: यह दिन विज्ञान के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने और युवा पीढ़ी को विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर है।
  • वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देना: लक्ष्य वैज्ञानिक चेतना को बढ़ावा देना और लोगों को तार्किक सोच अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • विज्ञान संचार को बढ़ावा देना: यह दिन विज्ञान के जटिल विषयों को आम जनता के लिए सुलभ बनाने और विज्ञान संचार के महत्व को रेखांकित करने का एक अवसर है।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • विज्ञान प्रदर्शनियां
  • व्याख्यान और कार्यशालाएं
  • प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं
  • निबंध लेखन प्रतियोगिताएं
  • विज्ञान फिल्मों का प्रदर्शन
  • स्कूली बच्चों के लिए विज्ञान मेले

ये कार्यक्रम विज्ञान के प्रति रुचि जगाने और युवा पीढ़ी को वैज्ञानिक सोच अपनाने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

निष्कर्ष

भारत के लिए गर्व का विषय है। यह दिन हमें विज्ञान के महत्व को याद दिलाता है और हमें भविष्य में वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए प्रेरित करता है। यह दिन विज्ञान के क्षेत्र में भारत के योगदान को सम्मानित करने और युवा पीढ़ी को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

 

 

उत्तरकाशी स्थापना दिवस

 

उत्तरकाशी जिले का स्थापना दिवस
24 फरवरी उत्तरकाशी जिले का स्थापना दिवस है। यह जिला 24 फरवरी 1960 को अस्तित्व में आया। 24 फरवरी 1960 को टिहरी से काटकर उत्तरकाशी, गढ़वाल से काटकर चमोली एवं अल्मोड़ा से काटकर पिथोरागढ़ जिलों की स्थापना की गई। उत्तरकाशी का पुराना नाम बाड़ाहाट है। उत्तरकाशी जिले का इतिहास प्राचीन काल में महाभारत से जुड़ा है। विशेष रूप से यहां पर किरात, उत्तरा, कौरस, खासा, तांगना, कुनिंद और प्रतानगनाओ की ढलान जनजातियों का उल्लेख महाभारत में मिलता है।
स्कंद पुराण के केदारखंड में भी उत्तरकाशी और भागीरथी नदी, जानवी और भील गंगा का उल्लेख मिलता है। पहले उत्तरकाशी का यह क्षेत्र व्यापार समृद्ध था। कहा जाता है कि भारत और तिब्बत के बीच व्यापार करने के लिए यह प्राथमिक व्यवसाय क्षेत्र वाला शहर था। शोधकर्ताओं का कहना है कि उत्तरकाशी का पुराना नाम बराह पुरातन त्रिशूल से हुआ था और यह बराह शब्द बराह का एक अवगुण है।
उत्तरकाशी जिला 8016 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश और तिब्बत का क्षेत्र है तथा पूर्व में चमोली जिला है।
उत्तरकाशी ऋषिकेश से लगभग 155 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। यह भागीरथी नदी के तट पर बसाया गया है। धार्मिक दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। भारत की जनगणना 2011 के अनुसार इसकी जनसंख्या 239709 है। समुद्र तल से यह 3799 फीट की ऊंचाई पर है। यहां पर कई सारे मंदिर है। यहीं पर प्रसिद्ध विश्वनाथ का मंदिर भी है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बेहद ही आकर्षक है। पहाड़ों के बीच बहती नदियों का आकर्षक देखते ही बनता है। इसके दूसरी तरफ घने ऊंचे ऊंचे जंगल देखने को मिलते हैं।
उत्तरकाशी में स्थित कुछ पर्यटन स्थल बहुत ही प्रसिद्ध हैं जिसमें सप्त ऋषि कुंड, शनि मंदिर, भगवान परशुराम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर,शक्त मंदिर, गोपेश्वर मंदिर,हरि महाराज, कण्डार देवता, पंचकोशी यात्रा,, डोडीताल, गंगोत्री, यमनोत्री,गौमुख, तपोवन, सहत्रताल, केदारताल, खेड़ाताल, दयारा बुग्याल,नचिकेता ताल, गिडारा बुग्याल, हरकीदून आदि प्रमुख रूप से शामिल है।
उत्तरकाशी, निवासियों को जिले के स्थापना दिवस की बहुत- बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ।

 

Uttarakhand All Helpline Numbers

Uttarakhand ALL Helpline Numbers

Uttarakhand ALL Helpline Numbers  for All District of Uttarakhand(Chamoli,Dehradun,Haridwar,Pauri Garhwal,Rudraprayag,Tehri Garhwal,Uttarkashi,Almora,Bageshwar,Champawat,Nainital,Pithoragarh,Udham Singh Nagar. these helplines are open for all public 24×7 Uttarakhand ALL Helpline Numbers

Anti Corruption Helpline Uttarakhand – 1064
COVID HELPLINE : 011-23978046 OR 1075

UTTRAKHAND COVID 19 HELPLINE : 104 OR 0135-2710334 OR 6398500571
POLICE 112 or 100

FIRE 101

AMBULANCE AND MEDICAL 102

WOMEN HELPLINE 1090

POLICE WOMEN HELPLINE- 9411112780

AIDS HELPLINE 1097

SMS EMERGENCY 9411112780

Child Helpline 1098

Railway Enquiry 139

Disaster / Medical Helpline 108

DISTRICT EMERGENCY OPERATION CENTRE 1077

STATE DISASTER MANAGEMENT AUTHORITY 1070 , 0135-2710334

DISASTER ( EARTHQUAKE / FLOOD/ CYCLONE ) N.D.M.A ( Control Room ) 022-22027990

Water Supply Helpline 1800-180-5145

Electricity Helpline1800-419-0405

Uttarakhand Cyber Helpline – 1930
Uttarakhand CM Helpline – 1905

  • HOSPITAL

  • Civil Hospital ( Dheradun ) 0135-2627044

  • CMI Hospital , Haridwar Road, Dheradun 0135-2720238

  • Max Hospital , Mussorie Diversion , Haridwar( Costly !! but quality ) 0135-6673000

  • Doon Hospital, New Road , Dheradun 0135-2659355

  • FORTIS Hospital , Curzon Road, Dheradun 0135-7126667, 3980201

  • O.N.G.C Hospital , Dheradun 0135-2752969

  • Bharat Heart Institute , Dheradun 0135-2650580

  • Param Hospital , Dheradun 0135-2673022

  • City Hospital , Haldwani 05946-327835

    Ambulance : 102

  • Air Ambulance +91-9645744117 / 9540161344

  • AMBULANCE 108

  • King Ambulance Service, Dheradun 7091360310 , 7260937628

  • FALCON Ambulance Service 9205909876, 7368088573

    AIRPORT

  • DHERADHUN AIRPORT 0135-2412052

    UTTRAKHAND TOURISM

  • 1. UTTARAKHAND TOURISM 0135-2624147, 2722323

  • 2. BUS SERVICE Uttrakhand State Transport ( Online booking ) https://utconline.uk.gov.in/

    POLICE CONTROL ROOM : 112 or 100

  • Police Control Room 0135-2712685, 0135-27120809

  • Police Headquaters Control Room 18001804111

  • NANITAL P.C.R 05942-284420

  • HARIDWAR P.C.R 01334-265876

  • UTTARKASHI P.C.R 01374-222667

  • ALMORA P.C.R 05962-230198

  • BAGESHWAR P.C.R 05963-221240

  • CHAMOLI P.C.R 01372-251487

  • CHAMPAWAT P.C.R 05965-230607

  • PAURI GHARWAL P.C.R 01368-222484

  • RUDRAPRAYAG P.C.R 01364-233610

    FIRE BRIGADE CONTROL ROOM 101

  • Dehradun ,Tehri Garhwal ,Uttarkashi Fire Brigade , CFO 9456597981

  • Haridwar Fire Brigade , CFO 9456597199

  • Pauri Garhwal, Chamoli,Rudraprayag Fire Brigade , CFO 9456597199

  • Udham, Pithoragarh, Champawat Fire Brigade , CFO 9456592170

  • Nainital Fire Brigade 9411113458

  • Almora Fire Brigade 9456109121

  • Bageshwar Fire Brigade 9456109121

  • GOVERNMENT OF UTTARAKHAND : http://uk.gov.in/

    UTTARAKHAND POLICE : https://uttarakhandpolice.uk.gov.in/

    UTTARAKHAND STATE DISASTER MANAGEMENT : http://www.usdma.uk.gov.in/

प्रसिद्ध मंदिर उत्तरकाशी

उत्तरकाशी में प्रसिद्ध मंदिर |

उत्तरकाशी में प्रसिद्ध मंदिर 

उत्तरकाशी में सबसे प्रसिद्ध मंदिर भगवान् काशी विश्वनाथ का है जो कि चार धाम मार्ग पर मुख्य उत्तरकाशी शहर में स्थित है। मंदिर के प्रवेश द्वार के पास पूजा सामग्री बेचने वाली कई दुकानें हैं। तो अगर आप अपने साथ कोई पूजा सामग्री नहीं लाए हैं तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।

काशी विश्वनाथ प्रसिद्ध मंदिर, उत्तरकाशी का इतिहास और किंवदंतियाँ

उत्तरकाशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और कहा जाता है कि इसे शुरुआत में ऋषि परशुराम ने बनवाया था और बाद में 1857 में सुदर्शन शाह की पत्नी महारानी खनेती ने इसका जीर्णोद्धार कराया था। वर्तमान मंदिर पहले से मौजूद प्राचीन वेदी के ऊपर बनाया गया था। वर्ष 1857 ई. में टेहरी की रानी श्रीमती द्वारा। पारंपरिक हिमालयी मंदिर वास्तुकला के साथ राजा श्री सुदर्शन शाह की पत्नी खनेती देवी।

काशी विश्वनाथ प्रसिद्ध मंदिर के अंदर

भगवान शिव यहां गहरे ध्यान में डूबे हुए प्रकट होते हैं और पूरी मानवता पर अपना आशीर्वाद बरसाते हैं। यहां का शिवलिंगम 56 सेमी ऊंचा है और दक्षिण की ओर झुका हुआ है। गर्भगृह में देवी पार्वती और भगवान गणेश भी हैं। नंदी मंदिर के बाहरी कक्ष में हैं। साक्षी गोपाल और ऋषि मार्कंडेय की छवि को यहां ध्यान के रूप में दर्शाया गया है।

शक्ति प्रसिद्ध मंदिर
देवी पार्वती को समर्पित शक्ति मंदिर, विश्वनाथ मंदिर के ठीक सामने स्थित है। यहां का मुख्य आकर्षण एक विशाल और भारी त्रिशूल है – ऊंचाई 6 मीटर और तली 90 सेमी, जिसे देवी दुर्गा ने शैतानों पर फेंका था।

माँ शक्ति को यहाँ एक विशाल त्रिशूल या त्रिशूल के रूप में दर्शाया गया है, जो अनुमानतः 1500 वर्ष से अधिक पुराना है और इसे उत्तराखंड के सबसे पुराने अवशेषों में से एक माना जाता है। इस पर तिब्बती शिलालेख हैं जो प्राचीन काल के दौरान व्यापक भारत-तिब्बती संस्कृति के आदान-प्रदान का संकेत देते हैं। मुख्य शिव मंदिर के सामने रखे 26 फीट से अधिक ऊंचे धातु के त्रिशूल पर नागा राजवंश का विवरण अंकित मिलता है।

 

जानिए क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि, क्या है इसका महत्व ?

महाशिवरात्रि, क्या है इसका महत्व ?

महाशिवरात्रि

महाशिवरात्रि:

हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है, परंतु फाल्गुन माह की चतुर्दशी को होने वाली शिवरात्रि को “महाशिवरात्रि” के रूप में मनाया जाता है। इसका विशेष महत्व है।

महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?

पर्व का महत्व, कथाएं और उत्सव

  • भगवान शिव का दिव्य अवतरण: माना जाता है कि इस पावन रात्रि में ही निराकार स्वरूप से भगवान शिव साकार रूप में प्रकट हुए थे।
  • शिव-पार्वती विवाह: एक अन्य कथा के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था।
  • ज्योतिर्लिंगों का प्रकट होना: कई धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि इसी दिन सभी बारह ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे।

शिवरात्रि का महत्व:

  • आध्यात्मिक उन्नति: यह दिन आत्म-चिंतन, ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
  • मोक्ष प्राप्ति: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत, पूजा और जलाभिषेक से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।
  • मनोकामना पूर्ण: भगवान शिव की आराधना से मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

भगवान  का उत्सव:

  • व्रत एवं रात्रि जागरण: भक्त इस दिन व्रत रखते हैं, शिवलिंग की पूजा करते हैं और रातभर जागकर उनके नाम का जाप करते हैं।
  • विभिन्न पूजा-पाठ: शिवलिंग का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक, सहस्त्रार्चन, पंचामृत स्नान आदि पूजाएं की जाती हैं।
  • भजन-कीर्तन: मंदिरों और घरों में भजन-कीर्तन का आयोजन होता है, जहाँ भक्त शिव की महिमा का गुणगान करते हैं।
  • भव्य मेले: देशभर के शिवालयों में भव्य मेले लगते हैं, जहाँ भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।

 धर्म: हर किसी के लिए एक पर्व:

 केवल महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के अनुयायियों तक ही सीमित नहीं है। इसका  महत्व और सकारात्मक ऊर्जा सभी को आकर्षित करती है। इस दिन लोग सहिष्णुता, करुणा और शांति का संदेश ग्रहण करते हैं, जो वर्तमान समय में बेहद प्रासंगिक है।

महाशिवरात्रि का पर्व केवल भगवान शिव के प्रति समर्पण और भक्ति का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह आत्म-चिंतन, आध्यात्मिक उन्नति और मनोकामना पूर्ण करने का भी पावन अवसर प्रदान करता है।

 

Glimpse of Uttarkashi