उत्तरकाशी स्थापना दिवस February 25, 2024February 25, 2024 by Rakesh Arya 24 फरवरी उत्तरकाशी जिले का स्थापना दिवस है। यह जिला 24 फरवरी 1960 को अस्तित्व में आया। 24 फरवरी 1960 को टिहरी से काटकर उत्तरकाशी, गढ़वाल से काटकर चमोली एवं अल्मोड़ा से काटकर पिथोरागढ़ जिलों की स्थापना की गई। उत्तरकाशी का पुराना नाम बाड़ाहाट है। उत्तरकाशी जिले का इतिहास प्राचीन काल में महाभारत से जुड़ा है। विशेष रूप से यहां पर किरात, उत्तरा, कौरस, खासा, तांगना, कुनिंद और प्रतानगनाओ की ढलान जनजातियों का उल्लेख महाभारत में मिलता है। स्कंद पुराण के केदारखंड में भी उत्तरकाशी और भागीरथी नदी, जानवी और भील गंगा का उल्लेख मिलता है। पहले उत्तरकाशी का यह क्षेत्र व्यापार समृद्ध था। कहा जाता है कि भारत और तिब्बत के बीच व्यापार करने के लिए यह प्राथमिक व्यवसाय क्षेत्र वाला शहर था। शोधकर्ताओं का कहना है कि उत्तरकाशी का पुराना नाम बराह पुरातन त्रिशूल से हुआ था और यह बराह शब्द बराह का एक अवगुण है। उत्तरकाशी जिला 8016 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश और तिब्बत का क्षेत्र है तथा पूर्व में चमोली जिला है। उत्तरकाशी ऋषिकेश से लगभग 155 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। यह भागीरथी नदी के तट पर बसाया गया है। धार्मिक दृष्टि से यह बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। भारत की जनगणना 2011 के अनुसार इसकी जनसंख्या 239709 है। समुद्र तल से यह 3799 फीट की ऊंचाई पर है। यहां पर कई सारे मंदिर है। यहीं पर प्रसिद्ध विश्वनाथ का मंदिर भी है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बेहद ही आकर्षक है। पहाड़ों के बीच बहती नदियों का आकर्षक देखते ही बनता है। इसके दूसरी तरफ घने ऊंचे ऊंचे जंगल देखने को मिलते हैं। उत्तरकाशी में स्थित कुछ पर्यटन स्थल बहुत ही प्रसिद्ध हैं जिसमें सप्त ऋषि कुंड, शनि मंदिर, भगवान परशुराम मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर,शक्त मंदिर, गोपेश्वर मंदिर,हरि महाराज, कण्डार देवता, पंचकोशी यात्रा,, डोडीताल, गंगोत्री, यमनोत्री,गौमुख, तपोवन, सहत्रताल, केदारताल, खेड़ाताल, दयारा बुग्याल,नचिकेता ताल, गिडारा बुग्याल, हरकीदून आदि प्रमुख रूप से शामिल है। उत्तरकाशी, निवासियों को जिले के स्थापना दिवस की बहुत- बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ।